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मोदी कैबिनेट ने लिए अहम फैसले
मोदी कैबिनेट ने लिए अहम फैसले लिए हैं. आयुष और हेल्थ वेलनेस सेन्टर के बनेंगे साढ़े 12 हजार नये केंद्र. भारत को नये क्षेत्रों में विनिर्माण हब बनाने की दिशा में लिया गया फैसला. मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर योजना की होगी शुरूआत. 2025 तक इलेक्ट्रॉनिक और मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में मिलेगा 20 लाख लोगों को रोज़गार. चार राज्यों में बनाए जाएंगे मेडिकल डिवाइस पार्क
केंद्रीय मंत्रिमड़ल ने इलेक्ट्रॉनिक विनिर्मिाण क्लस्टर्स के जरिये साझा सुविधाओं के साथ विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास के लिए संशोधित इलेक्ट्रॉानिक्स विनिर्माण क्लस्टर्स योजना को वित्तीय सहायता की मंजूरी दे दी है। नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने व्यापक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए उत्पादन प्रोत्साहन योजना को भी स्वीकृति दी है।
इस योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और मोबाइल फोन विनिर्माण तथा विशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन देना है। यह प्रोत्साहन राशि उत्पादन से जुड़ी होगी। उन्होने कहा कि सरकार भारत में मोबाइल और संबंधित उपकरणों के विनिर्माण पर बल देगी। उन्होंने कहा कि केंद्र इस क्षेत्र में 20 लाख करोड़ रूपये निवेश करेगा जिससे अगले पांच वर्ष में 25 लाख लोगों को रोज़गार मिलेगा। रविशंकर प्रसाद ने कहा मोदी कैबिनेट ने लिए अहम फैसले लिए हैं।
मंत्रिमंडल ने तीन थोक औषध पार्कों में साझा विनिर्माण सुविधाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए थोक औषध पार्क प्रोत्साहन योजना को भी मंजूरी दी है। इसके लिए अगले पांच वर्ष में तीन हजार करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है। थोक औषध पार्क योजना से देश में थोक में औषधियों के निर्माण की लागत कम होने और अन्य देशों पर निर्भरता घटने की संभावना है। देश में महत्वपूर्ण आरंभिक सामग्री औषधीय तत्वों और एक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रीडिएंट के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को भी मंजूरी दी गई।
इस योजना के लिए अगले आठ वर्ष में छह हजार नौ सो चालीस करोड़ रूपये का आवंटन किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय आयुष मिशन में आयुष स्वास्थ्य और वैलनेस केंद्रों को आयुष्मान भारत के दायरे में लाने की भी मंजूरी दी। इसका उद्देश्य दूसरे और तीसरे स्तर के स्वास्थ्य देखभाल केंद्रो पर बोझ कम करना है।
भारत और बेल्जियम के बीच प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर और पुष्टि को भी मंजूरी दी गई। कराधान, राजस्व या अन्य वित्तीय अपराधों से संबंधित मामले भी इसी संधि के तहत निपटाये जाएंगे। मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्य समिति ने 2014-15 से 2018-19 के दौरान कपास के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित नुकसान की क्षतिपूर्ति पर व्यय को मंजूरी दे दी है। इस समय की मांग को देखते हुए मोदी कैबिनेट ने लिए अहम फैसले लिए हैं।
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